Saturday 21 November 2015

Padosan Aunty or Mein (Hindi Kahani)

दोस्तों.. आप सभी चाहने वालों को धन्यवाद। दोस्तों मेरा नाम सुभम है और में जलंधर का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र २१ साल की है और में चाहता हूँ कि में भी आप सभी को अपनी लाईफ का फर्स्ट सेक्स अनुभव बताऊँ। दोस्तों में बिल्कुल अकेला हूँ और हमेशा चुदाई के बारे में सोचता रहता हूँ। अब में आप लोगो को अपनी कहानी सुनाता हूँ।

दोस्तों में जब 18 साल का हुआ तो मुझे सेक्स बहुत ज़्यादा चड़ने लगा और मेरा लंड किसी भी मस्त औरत या लड़की की गांड देखकर खड़ा हो जाता था। मुझे अब किसी के साथ सोना था और अपनी सेक्स की प्यास मिटानी थी। हमारे पड़ोस में एक फेमिली रहती थी उसमे एक आंटी उनके पति और उनके 3 बच्चे रहते थे। ये बात तब की है.. जब में 19 साल का हुआ। आंटी मुझे बड़ी मस्त लगने लगी और उनकी उम्र 40 साल की थी.. लेकिन उनकी उम्र 30 साल की लगती थी। उनके जिस्म की तो क्या बात थी। उनका जिस्म का साईज़ ३८-३4-46 था। फिर जब भी वो सूट पहनती तो एकदम माल लगती थी और जब भी वो हमारे घर पर आती तो में उनकी गांड का मजा लेकर मुठ मार लिया करता.. लेकिन अब मुझसे ज़्यादा दिनों तक ये नही करना था.. क्योंकि अब मुझे भी अपने लंड और मुहं को चूत का स्वाद चखाना था और में उस मौके की तलाश में था कि में उनकी चूत को चोदूं.. लेकिन कोई मौका नहीं मिला.. लेकिन एक दिन 3 महीनो के बाद मुझे वो मौका मिला।

में एक दिन किसी ज़रूरी काम से उनके घर गया। गेट खुला था और फिर मैंने आवाज़ मारी.. लेकिन कोई जवाब नहीं आया। फिर मैंने दोबारा आवाज़ लगाई फिर भी कोई जवाब नहीं आया तो में आगे बड़ा और बाथरूम की तरफ गया जैसे ही में बाथरूम के पास पहुंचा तो मेरी पैरो तले ज़मीन खसक गई। मैंने देखा कि आंटी अपनी गांड मटकाते हुए पूरी नंगी होकर बाथरूम में जा रही है और फिर उन्होंने गेट बंद कर दिया.. लेकिन शायद उन्हे ध्यान नहीं रहा कि उन्होंने गेट बंद नहीं किया। मेरा लंड अब उन्हें इस हालत में देखकर धीरे धीरे खड़ा होने लगा था.. क्योंकि मैंने पहली बार किसी औरत को पूरी नंगी देखा था और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। तभी में पास जाकर गेट के छेद से अंदर झांकने लगा और आंटी गाना गाते हुए शावर ले रही थी और अपने जिस्म पर साबुन लगा कर अपने बूब्स दबा रही थी। फिर उन्होंने अपने हर एक अंग को रगड़ रगड़ कर अच्छे से साफ किया और बैठकर अपनी चूत में ऊँगली डालने लगी। तभी में जोश में आ गया था और फिर मैंने मुठ मारनी शुरू कर दी आंटी सारी दुनिया को भूल कर चूत में ऊँगली कर रही थी। फिर लगभग 10 मिनट ऊँगली करने के बाद आंटी भी झड़ गई और में भी वहीं पर गेट के ऊपर ही झड़ गया और फिर झड़ने की वजह से मेरे मुहं से ओह आह ओह आइईए की आवाज़ निकल पड़ी। तभी आंटी एकदम खड़ी हुई और भागकर गेट खोला तो में ठीक से सम्भल भी नहीं पाया और आंटी मेरे सामने आकर खड़ी थी बिल्कुल नंगी। तभी में आंटी को ऊपर से नीचे तक निहारने लगा और आंटी मेरे लंड को निहारने लगी जो कि 5.4 इंच था। फिर आंटी ने एकदम से टावल लपेटा और पूछा कि में यहाँ पर कैसे? तभी मैंने भी अपनी पेंट पहनी और कहा कि में कुछ सामान लेने आया था। फिर आंटी ने कहा कि तो तू अपनी पेंट उतार कर क्या कर रहा था? फिर में चुप रहा और बिना कुछ बोले उनको देखता रहा।

तभी आंटी ने पूछा कि तुझे कितने देर हो गई यहाँ पर आए हुए? फिर मैंने कहा कि जब से आप नहाने के लिए बाथरूम के अंदर गई है। फिर आंटी ने कहा कि सच सच बता तूने क्या क्या देखा? फिर में चुप था और आंटी ने कहा कि लडकियों की तरह शरमा मत.. जल्दी से बता यहाँ पर तूने क्या देखा? तभी मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि जो भी आपने बाथरूम के अंदर किया वो सब मैंने देखा। तभी आंटी ने कहा कि क्या तुझे शरम नहीं आई? फिर मैंने कहा कि आंटी थोड़ी सी आई थी। फिर आंटी मुझे पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई और बोला कि तेरे पापा को ये सब बात बताउंगी।

फिर मैंने कहा कि प्लीज आंटी मुझे माफ़ कर दो.. आंटी बोली कि तुझे मेरे लिए एक काम करना पड़ेगा। फिर मैंने कहा कि क्या? तो वो कहने लगी कि मुझे खुश करके। तभी मैंने कहा कि में आपका मतलब नहीं समझा.. तभी आंटी ने कहा कि मुझे तू अगर आज जम कर प्यार करेगा तो ही में चुप रहूंगी और फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटाकर चूमने लगी। में अब उनके रसीले होंठो का स्वाद चख रहा था। में बहुत खुश था क्योंकि आज मेरे लंड की सुहागरात होने वाली थी और मैंने भी आंटी को कस लिया अपनी बाहों में और चूमने लगा। हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही चूमते रहे.. 15 मिनट तक चूमने के बाद आंटी मेरे पूरे शरीर को चूमने लगी और अपने हाथों से मेरा लंड सहलाने लगी.. मुझे बहुत मज़ा आने लगा।

फिर में बेड पर लेटा हुए था और मस्त हो रहा था। तभी आंटी ने पूरा लंड आपने मुहं में डाला और उसे एक भूखी शेरनी की तरह चूसने लगी और मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। में अब सातवें आसमान में था और जन्नत की सेर कर रहा था.. वो बिल्कुल एक रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी और में आह आह कर रहा था। फिर 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद में उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने सारा वीर्य पी लिया और उन्होंने मेरा लंड चाट चाटकर साफ कर दिया और बेड पर लेट गई। अब में उनके बूब्स दबाने लगा और किस करने लगा। फिर में उनका एक बूब्स दबाता और एक चूसता में पागल कुत्ते की तरह उनके बूब्स चूस रहा था और वो मस्ती में अहह उफ़फ्फ़ उफफफफ्फ़ आह कर रही थी। तभी मैंने उनके बूब्स चूस चूसकर लाल कर दिए थे और उनके बूब्स में से थोड़ा दूध भी निकला और में उसे भी पी गया। फिर में उनके पूरे जिस्म को चूमता हुआ चूत तक आया और उसे सूंघने लगा। उनकी चूत से बहुत मादक खुश्बू आ रही थी। वो बूब्स को चूसने की वजह से थोड़ी गीली थी। फिर मैंने उनकी टाँगे खोली और जंगली जानवर की तरह चूत को चाटने लगा और वो जोर जोर से चिल्लाने लगी.. आह मेरे बेटे चोद दे अपनी आंटी को ऊऊहह आआहह अफ मेरे लंड वाले राजा फाड़ डाल इस चूत को.. कब से प्यासी है तेरी ये रंडी आंटी.. ओह मेरे राजा चाट और चाट.. उफफफ्फ़ आआइईए उफ्फ्फ्फ़ माँ मरी तेरी रंडी आंटी कह रही है.. मेरे बेटे और उन्होंने मुहं को अपनी चूत पर दबा दिया और झड़ गई और मैंने सारा रस पी लिया और चूत चाट चाट कर साफ कर दी और उन्हे किस करने लगा। वो मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। अब आंटी ने कहा कि आओ मेरे राजा बेटे अपनी आंटी को अपने लंड का जलवा दिखाओ।

तभी में आंटी की चूत के पास आकर बैठ गया और उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और उनकी चूत के छेद पर निशाना लगाया और एक ज़ोरदार झटका मारा और लंड एक बार में ही उनकी चूत की गहराइयों में चला गया और मुझे पता भी नहीं चला और में जोर जोर से धक्के देकर उनको चोदने लगा और वो मेरे हर एक धक्के से खुश होकर कहे जा रही थी कि अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ माँ मरी चोद मेरे बेटे और जोर से चोद.. आज बना दे अपनी आंटी की चूत को भोसड़ा। फिर में जोश में आकर और तेज धक्के दिये जा रहा था और वो बड़े जोर से सिसकियाँ ले रही थी। में उनके दोनों पैरों को पकड़ कर स्पीड बड़ा कर चोदे जा रहा था। तभी करीब दस मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई और बिल्कुल शांत होकर चुदवाती रही। उनके झड़ने के करीब पांच सात मिनट बाद में भी उनकी चूत में जोरदार धक्को के साथ झड़ गया और अपना पूरा वीर्य उनकी चूत में डाल कर थक गया और उनको सीधा पटककर उनके बूब्स चूसने लगा।

तभी आंटी कहने लगी कि आज तूने सही में मेरी चूत को चोद कर भोसड़ा बना दिया है अब कभी तू मुझे आकर चोद सकता है में तेरी इस चुदाई से बहुत खुश हूँ। फिर दोस्तों मैंने उस दिन आंटी को दो घंटो के बीच में तीन बार चोदा और उनकी चूत का भोसड़ा बना दिया और फिर जब भी मुझे मौका मिलता है में आंटी को चोदने लगता हूँ कभी उनके घर पर तो कभी मेरे घर पर। उनकी बहुत घिस घिस कर चुदाई करता हूँ ।।

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Tuesday 10 November 2015

Dost ki Bibi (Hindi Kahani)

मेरा नाम पियूष है और में दिल्ली में कुछ समय से रह रहा हूँ। मेरी उम्र २५ साल और हाईट ६ फीट दोस्तों मुझे बचपन से ही सेक्स की बहुत रूचि रही है और में हमेशा से हिंदी कहानिया पढ़ने का शोख रखता हूँ .. मुझे इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों आज मे आप सभी को मेरी अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. वैसे यह मेरी पहली कहानी है और अगर मुझे इसमें कोई गलती हुई तो प्लीज आप सभी मुझे माफ़ करे। अब में आपका ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों में दिल्ली में एक अपार्टमेंट में रहता हूँ और उसकी पहली मंजिल पर मेरा घर है और दूसरी मंजिल पर एक फेमिली रहती है और उस फेमिली में कुल तीन लोग रहते है.. पति जिसका नाम सुखविंदर, पत्नी उसका नाम प्रीती और एक छोटा सा बच्चा है और वो बहुत ही छोटी फेमिली है।
दोस्तों सुखविंदर से मेरी अच्छी दोस्ती थी लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं.. बस हम दोनों को सप्ताह के आखरी में ड्रिंक करने के लिए एक दूसरे का साथ जरुर मिल जाता था और प्रीती से भी मेरी अच्छी जान पहचान थी और वो भी कभी-कभी हमारे साथ बैठ जाया करती थी। दोस्तों प्रीती एक दुबली पतली, सुंदर औरत थी.. उसका लंबा कद और 34 साईज़ के बूब्स, गोल-गोल कूल्हे और एक मस्त सेक्सी मुस्कान। फिर उसे देखकर दो तीन बार तो मेरा दिल भी बहका लेकिन में जानता था कि यह सब मुमकिन नहीं है और मैंने कभी ज़्यादा इस बारे में सोचा भी नहीं लेकिन हाँ हम दोनों में कभी-कभी देवर भाभी वाली खट्टी मीठी नोक झोंक चलती रहती थी।


वो अपना बहुत ध्यान रखती थी और एक बच्चा होने के बाद भी उसके फिगर का आकार बिल्कुल भी खराब नहीं हुआ था.. उसके शरीर का हर एक अंग बहुत सेक्सी था तो एक दिन में किसी काम से सुखविंदर को बुलाने दूसरी मंजिल पर गया तो मैंने देखा कि उसके घर का दरवाज़ा खुला था और जब मैंने दरवाजा बजाया तो प्रीती की आवाज़ आई कि दरवाजा खुला है अंदर आ जाओ। फिर जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि प्रीती अपने बच्चे को दूध पिला रही थी और मेरे आने की वजह से उसने दुपट्टे से अपने बूब्स को ढक लिया था लेकिन फिर भी उसका एक तरफ का आधा बूब्स उस जाली वाले दुपट्टे में से कुछ कुछ दिख रहा था और में अपनी नज़रें संभाल ही नहीं पा रहा था। फिर उसने मुझे बताया कि सुखविंदर घर पर नहीं है और वो कुछ जरूरी काम से अपने गावं गया है।


फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है और में वापस आ गया लेकिन में उसके बूब्स के बारे में ही सोचता रहा और अपने अपार्टमेंट में आते ही में बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा और में अभी बाथरूम के अंदर ही था कि तभी प्रीती वहाँ पर आ गयी और मुझे बुलाने लगी तो मैंने बोला कि आप बैठो में अभी आता हूँ और जब में 10 मिनट बाद बाहर आया तो प्रीती मेरे बेड पर बैठी थी और बड़े आराम से टीवी देख रही थी और फिर मैंने उससे पूछा कि क्या कुछ काम है तो उसने कहा कि बच्चा सो गया है और मेरा बीयर पीने का मन हो रहा है तो मैंने कहा कि अभी तुम्हारा बच्चा बहुत छोटा है और वो तुम्हारा दूध भी पीता है.. उसके लिए तुम्हारा यह सब करना अच्छा नहीं होगा तो वो बोली कि छोड़ ना यार एक बीयर से कुछ नहीं होगा और मैंने फ्रिज से दो बीयर निकाली और फिर हम दोनों ने एक-एक बीयर पी ली। उस समय प्रीती बहुत थकी हुई थी और बीयर पीकर उसे आराम मिला और कुछ ही देर में उसकी आँख लग गयी तो अब बेड की एक साईड प्रीती, एक साईड पर में और बीच में बच्चा सो रहा था लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। प्रीती ने सलवार सूट पहन रखा था और उस सूट में से उसके उभरे हुए बूब्स देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.. क्योकि प्रीती गहरी नींद में थी तो मैंने भी मौका देखकर सूट के ऊपर से ही उसके बूब्स को धीरे से डरते हुए हाथ आगे बड़ाकर छू लिया। फिर उसके कूल्हे पर अपनी उंगली घुमाई और उसके कूल्हे को भी छूकर महसूस कर लिया।

फिर वापस अपनी साईड पर आकर में प्रीती को देखकर अपनी निक्कर के अंदर हाथ डालकर मुठ मारने लगा और उसके जिस्म को सोचने की वजह से मेरी आखें बंद हो गयी। तभी अचानक से मैंने महसूस किया कि किसी ने निक्कर के ऊपर से मेरा हाथ रोक दिया और जब मैंने आखें खोली तो देखा कि प्रीती जाग चुकी थी और उसके हाथ मेरी निक्कर पर थे तो में बहुत घबरा गया और उनको सॉरी बोला और वो मुझसे बोली कि ठीक है और मुझसे बीयर माँगने लगी तो मैंने दो बीयर और खोल दी.. वो पीते हुए उसने मुझसे पूछा कि किसको याद करके यह सब कर रहे थे तो मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं बस ऐसे ही मूड बन गया था लेकिन वो नहीं मानी और ज़िद करने लगी तो मैंने भी उसे बता दिया कि में उसके बूब्स देख देखकर गरम हो गया था।

तभी वो ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगी और कहा कि चलो अच्छा है.. में अभी भी किसी को गरम कर सकती हूँ और उसका यह जवाब सुनकर मेरी हिम्मत बड़ गयी तो मैंने कहा कि प्रीती तुम हो ही इतनी सेक्सी कि किसी का भी मन खराब हो जाए और धीरे-धीरे नशे में वो भी खुलने लगी और पूछने लगी कि मेरे जिस्म में और क्या क्या सेक्सी लगता है तो मैंने कहा कि तुम्हारे होंठ, तुम्हारे कूल्हे और वो पतली सी कमर, वो नाभि जो साड़ी पहनने पर दिखती है और मेरी यह सब बात सुनकर उसने अपना सूट उठाया और अपनी नाभि को देखने लगी तभी मेरा लंड उसे देखकर एकदम से खड़ा हो गया और प्रीती ने मेरे लंड को देख लिया और वो मुझसे बोली कि कंट्रोल करो.. तुम्हारा खड़ा हो रहा है तो मैंने भी जोश में आकर अपनी निक्कर को नीचे किया और उसके सामने ही मुठ मारने लगा। प्रीती भी यह सब देखकर गरम हो गई और वो बोली आओ में तुम्हे ठंडा कर देती हूँ और में उसके पास चला गया।

फिर उसने मेरी निक्कर को पूरा उतारा और मेरे लंड को अपने एक हाथ में लेकर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी तो मैंने कहा कि प्लीज मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर थोड़ा चूस लो। वो थोड़ी देर रुककर कुछ सोचने लगी और फिर उसने मेरे लंड को मुहं में लिया और चूसना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके बूब्स को दबाने शुरू कर दिए और मैंने धीरे-धीरे उसका सूट उतार दिया। फिर उसकी ब्रा उतारी और उसके बूब्स को चूसने लगा.. में बहुत ज़्यादा गरम हो रहा था और जब मैंने उसकी सलवार पर हाथ रखा तो उसने मुझे रोक दिया और कहा कि नहीं पियूष अब इससे ज़्यादा कुछ नहीं होगा तो मैंने उससे कहा कि प्लीज प्रीती मुझे अब मत रोको और अब मुझसे कंट्रोल नहीं होगा और फिर थोड़ी बहस के बाद उसने अपना हाथ हटा लिया और मैंने उसकी सलवार को भी उतार दिया।

उसने काली कलर की जाली वाली पेंटी पहन रखी थी और वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और जब मैंने उसकी पेंटी को उतारा तो उसकी स्मेल पूरे कमरे में फेल गयी.. मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाला और उसकी चूत चाटने लगा। अब वो भी बहुत गरम हो चुकी थी और कहने लगी कि बहनचोद ज़ोर से चाट और उसके मुँह से गाली सुनकर मुझे और जोश चड़ गया और में उसके कूल्हों पर थप्पड़ मारने लगा और थप्पड़ मारने से उसके कूल्हे लाल हो गये। फिर वो और गरम हो गयी और गलियाँ देने लगी.. साले कुत्ते कितनी देर चूसेगा आ अब जल्दी से डाल दे.. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। दोस्तों बर्दाश्त तो अब मुझसे भी नहीं हो रहा था और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया और एक ही बार में मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था।

तभी वो एकदम से उछली और लंड, चूत से बाहर निकल गया.. मैंने फिर उसे कसकर पकड़ा और दोबारा से लंड को चूत में डालने लगा तो वो बोली कि प्लीज पियूष धीरे करो.. तुम्हारा लंड बहुत मोटा है और मुझे बहुत दर्द होता है। इस बार मैंने धीरे से लंड को चूत में डाला और फिर धीरे धीरे झटके देने लगा तो वो मोन करने लगी और वो इस बीच में मुझे गालियाँ देती आह्ह्ह कुत्ते साले धीरे कर भाभी हूँ में तेरी.. कोई रांड नहीं उह्ह्ह माँ मरी थोड़ा धीरे कर साले और उसकी गालियाँ सुनकर मुझे और जोश चड़ रहा था.. में और तेज़ हो गया और बीच बीच में उसके कूल्हे पर थप्पड़ मारता रहा तो वो चिल्लाती रही.. मत मार साले मेरे कूल्हे लाल हो गये हैं सुखविंदर को देखकर पता चल जाएगा.. धीरे कर धीरे प्लीज़ आहह अह्ह्ह्ह नहीं धीरे कर और कितनी देर है.. में झड़ने वाली हूँ आहह उह्ह्ह में झड़ने वाली हूँ। पियूष प्लीज़ मुझे और ज़ोर से आईईई अह्ह्ह और वो झड़ गयी और एकदम से ढीली पड़ गई। दो मिनट के बाद मे भी झड़ने वाला था और मैंने कहा कि कहाँ पर छोड़ूं तो उसने कहा कि कहीं भी लेकिन थोड़ा जल्दी करो.. मेरी चूत बुरी तरह से दुख रही है।

फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और आखरी टाईम पर लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके मुँह में डाल दिया और उसके मुँह में झड़ गया और उसने मेरा सारा माल पी लिया। फिर हम वहीं पर सो गये और दो घंटे के बाद उसने मुझे उठाया.. वो किचन में चाय बना रही थी और सिर्फ़ पेंटी पहने हुई थी। हमने ऐसे ही नंगे ही बैठकर चाय पी और सुखविंदर दो दिन बाद आने वाला था और उन दो दिनों में हमने बहुत मस्ती की ।।

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